ज़ाहिद शराब पीने दे - The Indic Lyrics Database

ज़ाहिद शराब पीने दे

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - मुकेश | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - मैं नशे में हूं | वर्ष - 1959

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ज़ाहिद शराब पीने दे मस्जिद में बैठकर
या वो जगह बता दे जहाँ पर ख़ुदा न हो
मुझको यारो माफ़ करना मैं नशे में हूँ
अब तो मुमकिन है बहकना मैं नशे में हूँ
मुझको यारो...
कल की यादें मिट रही हैं दर्द भी है कम
अब ज़रा आराम से आ जा रहा है दम
अरे आ जा रहा है दम
कम है अब दिल का तड़पना मैं नशे में हूँ
अब तो मुमकिन है बहकना मैं नशे में हूँ
मुझको यारो...
ढल चुकी है रात कब की उठ गई महफ़िल
मैं कहाँ जाऊँ नहीं कोई मेरी मंज़िल
नहीं कोई मेरी मंज़िल
दो कदम मुश्किल है चलना मैं नशे में हूँ
मुझको यारो...
है ज़रा सी बात और छलके हैं कुछ प्याले
पर न जाने क्या कहेंगे ये जहाँ वाले
कहेंगे ये जहाँवाले
तुम बस इतना याद रखना मैं नशे में हूँ
अब तो मुमकिन है बहकना मैं नशे में हूँ
मुझको यारो...$