यूँ तो हमने लाख हसीं देखे हैं - The Indic Lyrics Database

यूँ तो हमने लाख हसीं देखे हैं

गीतकार - साहिर | गायक - रफी | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - तुमसा नहीं देखा | वर्ष - 1957

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(यूँ तो हमने लाख हसीं देखे हैं
तुमसा नहीं देखा
हो, तुमसा नहीं देखा)
उफ़ ये नज़र उफ़ ये अदा
कौन न अब होगा फ़िदा
ज़ुल्फ़ें हैं या बदलियां
आँखें हैं या बिजलियां
जाने किस किसकी आएगी कज़ा
यूँ तो हमने लाख हसीं देखे हैं ...
(तुम भी हसीं रुत भी हसीं
आज ये दिल बस में नहीं)
रास्ते ख़ामोश हैं
धड़कने मदहोश हैं
पिये बिन आज हमें चढ़ा है नशा
यूँ तो हमने लाख हसीं देखे हैं ...
तुम न अगर बोलोगे सनम
मर तो नहीं जाएँगे हम
क्या परी या हूर हो
इतनी क्यूँ मग़रूर हो
मान के तो देखो कभी किसीका कहा
यूँ तो हमने लाख हसीं देखे हैं ...$