यूँ मुस्करा के सामने आया - The Indic Lyrics Database

यूँ मुस्करा के सामने आया

गीतकार - जान निसार अख्तर | गायक - रफ़ी, आशा | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - कैदी | वर्ष - 1957

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यूँ मुस्करा के सामने आया न कीजिए
दिल ले के मेरे दिल को जलाया न कीजिए
किस बा की ख़ुशी है ज़रा लब तो खोलिए
किससे हुआ है प्यार का इकरार बोलिए
इकरार कीजिए तो भुलाया न कीजिए
यूँ मुस्करा के ...
छाई हुई बहार है रंगीन रात है
आई हुई लबों पे मेरे दिल की बात है
दुनिया को दिल की बात बताया न कीजिए
दिल ले के मेरे ...
चलना अदा के साथ तो हँसना ग़ुरूर से
अपना सलाम सारे हसीनों को दूर से
अच्छा तो हमको पास बुलाया न कीजिए
यूँ मुस्करा के ...$