सुनो पंछी के राग - The Indic Lyrics Database

सुनो पंछी के राग

गीतकार - | गायक - सहगान, सुरेंद्र, सरदार अख्तर, हरीश, ज्योति, अनिलदा | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - | वर्ष - 1940

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अनिल बिस्वस, सर्दर अख्तर अन्द चोरुस:सुनो पंछी के राग करे कोयल पुकार
अहा खेतों पे पडती है जल की फुहारफ़ेमले वोइचे (प्रोबब्ल्य सर्दर अख्तर):
मेरे आशा के जीवन में आई बहार
चले शीतल पवन खिले फूलों की डार
बनी अपने पिया के गले का मैं हार
मेरे आशा के जीवन में आई बहार ...फ़ेमले वोइचे (प्रोबब्ल्य ज्योति):
उठे मन में तरंग बहे अमृत की धार
कहीं आये बलम किये बैठी सिंगारप्रोबब्ल्य सुरेन्द्र:
मची बाग़ों में धूम किये पत्ते निखार
हुआ फूलों के गहने से बन का सिंगारप्रोबब्ल्य हरिश:
पड़ी नैनों पे चोट लगी दिल में कटार
चले छैला सजनवा जो छाती उभार