लागी नहीं छुटे रामा चाहें जिया जाये - The Indic Lyrics Database

लागी नहीं छुटे रामा चाहें जिया जाये

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - लता मंगेशकर, दिलीप कुमार | संगीत - सलिल चौधरी | फ़िल्म - मुसाफिर | वर्ष - 1957

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दि : लागी नाहीं छूटे
अं
चाहें जिया जायेल : आ
चाहें जिया जायेदि : ओ मन अपनी मसती का जोगी -२
कौन इसे समझाये
ल : आ
कौन इसे समझाये
रामा
दि : चाहें जिया जायेल : आ
लागी नाहीं छूटे
रामा
चाहें जिया जायेदि : रिमझिम-रिमझिम बुंदियाँ बरसें
छिड़ीं प्यार की बातें
ल : मीठी-मीठी आग़ में खुल गईं
कितनी ही बरसातें
रिमझिम-रिमझिम बुंदियाँ बरसें
आजाने किसे दिल दीवाना
बैठा रोग लगाये

चाहें जिया जाये

दि : लागी नाहीं छूटे
ल : अं
लागी नाहीं छूटे
रामा
दि : चाहें जिया जायेल : लागी नाहीं छूटे
रामा
चाहें जिया जायेमन अपनी मस्ती का जोगी
हो मन अपनी मस्ती का जोगी
कौन इसे समझाये
चाहें जिया जायेदि : तारों में मुसकान है तेरी
चाँद तेरी परछाईं
उतने गीत हैं जितनी रातें
हमने साथ बिताईं

ल : आ
कैसे बोलूँ रे साँवरिया
करूं मैं कौन उपाय

दो : चाहें जिया जायेल : रिमझिम-रिमझिम बुंदियाँ बरसें
छिड़ीं प्यार की बातें
मीठी-मीठी आग़ में खुल गईं
कितनी ही बरसातें
रिमझिम-रिमझिम बुंदियाँ बरसेंजाने किसे दिल दीवाना
बैठा रोग लगाये

चाहें जिया जाये