झुमका गिरा रे - The Indic Lyrics Database

झुमका गिरा रे

गीतकार - राजा मेहदी अली खान | गायक - आशा भोसले | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - मेरा साया | वर्ष - 1966

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झुमका गिरा रे बरेली के बाज़ार में झुमका गिरा रे
सैयाँ आए नैन झुकाए घर में चोरी चोरी
बोले झुमका में पहना दूँ आजा बाँकी छोरी
में बोली ना ना ना बाबा ना कर जोरा-जोरी
लाख छुड़ाया सैयाँ ने कलैया नाहीं छोड़ी
फिर क्या हुआ?
फिर झुमका गिरा रे हम दोनों के तकरार में झुमका गिरा रे
घर की छत पे मैं खड़ी, गली में दिलबर जानी
हँस के बोले नीचे आ अब नीचे आ दीवानी
या अंगूठी फेंक अपनी या छल्ला दे निशानी
घर की छत पे खड़े खड़े में हुई शरम से पानी
फिर क्या हुआ?
फिर झुमका गिरा रे हम दोनों के इस प्यार में झुमका गिरा रे
बगिया में बलमाने मेरी लट उलझी सुलझाई
थाम के आँचल बोले गोरी तू मेरे मन भाई
आँख झुका के कुछ ना बोली धीरे से मुस्काई
सैयाँ ने जब छेड़ा मुझको हो गई हाथापाई
फिर क्या हुआ?
फिर झुमका गिरा रे मैं क्या बोलूँ बेकार में झुमका गिरा रे