बड़े सुरमा बन के कैसे हैं मिजाज कहिये - The Indic Lyrics Database

बड़े सुरमा बन के कैसे हैं मिजाज कहिये

गीतकार - पी एल संतोषी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - शिन शिनाकी बूबला बू | वर्ष - 1952

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बड़े सूरमा बन के निकले थे घर से
के बिजली गिरा देंगे गुज़रें जिधर से
ओ शेखी रही वो ना दावा रहा वो
अरे उलझे पड़े हैं किसी की नज़र सेकहिये
कैसे हैं मिज़ाज कहिये कैसे हैं मिज़ाज
( कैसे हैं मिज़ाज कहिये कैसे हैं मिज़ाज
बड़े ख़ुशनसीब हम हैं आप आये आज, जो आप आये आज ) -२ये आप ही का घर है घबराइये नहीं
ए जी घबराइये नहीं
शर्म बुरी चीज़ है शरमाइये नहीं
ए जी शरमाइये नहीं
ले लीजिये जो चाहिये आप ही का राज -२बड़े ख़ुशनसीब हम हैं आप आये आज, जो आप आये आज
कैसे हैं मिज़ाज कहिये कैसे हैं मिज़ाज
बड़े ख़ुशनसीब हम हैं आप आये आज, जो आप आये आजख़ातीर करूँ क्या आप की बतलाइये हुज़ूर
ए जी बतलाइये हुज़ूर
मैं तो पा के हैं आप मुझसे दूर
हैं आप मुझसे दूर
मैं आप की इस बेदिली का क्या करूँ इलाज -२बड़े ख़ुशनसीब हम हैं आप आये आज, जो आप आये आज
कैसे हैं मिज़ाज कहिये कैसे हैं मिज़ाज
बड़े ख़ुशनसीब हम हैं आप आये आज, जो आप आये आज