झूठे थे वादे, झूठी थी कस्में - The Indic Lyrics Database

झूठे थे वादे, झूठी थी कस्में

गीतकार - समीर | गायक - अलका याज्ञिक - कुमार सानू | संगीत - राजू सिंह | फ़िल्म - पागलपान | वर्ष - 2001

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झूठे थे वादे, झूठी थी कस्में
मुझको नहीं था ये पता
सच कह रहा हूँ ये भी ना जानूँ
मुझसे हुई है क्या ख़ता
मन में मिलन की आस लगी है
होठों पे मेरे है दुआ
यार कैसे तुझको मैं भुलाऊँ
ज़ख़्म दिलका कैसे मैं दिखाऊँ
कोई ज़ोर मेरा अब चले ना
क्या है बेबसी मैं क्या बताऊँ
बीते दिनों की यादें रुलाएं कैसे भुलाऊँ मैं तुझे
जी चाहता है सारी कहानी आके सुनाऊँ मैं तुझे
साँसे थमी हैं सपने जले हैं
आँखों में अश्कों की घटा
तूने मेरे दिल का शीशा तोड़ा
बीच रास्ते में मुझको छोड़ा
मैंने तुझसे मांगी जो हँसी तो
आँसुओं से नाता मेरा जोड़ा