काँटा लागो रे सजनवा मोसे राह चली न जाये - The Indic Lyrics Database

काँटा लागो रे सजनवा मोसे राह चली न जाये

गीतकार - पी एल संतोषी | गायक - NA | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - बसंत | वर्ष - 1942

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काहे कोयल शोर मचाये रे मोहे अपना कोई याद आये रे

काहे कोयल शोर मचाये रे मोहे अपना कोई याद आये रे

कह दो कह दो कोयल से न गाये रे हो मोहे अपना कोई याद आये रे

उसने काहे को नैन फिराये रे, ओ, कोई जाके उसे समझाये रे

मेरे दिल से जो निकले हाय रे कोई दोश मेरा बतलाये रे

मोरे नैनों में नीर भर आये रे मोहे बीते वोह दिन याद आये रे

हाये आग लगी हिरदय में हो, कोई हिरदय की आग भुझाये रे

मेरा जीवन पल पल जाये रे रहूँ कब तक आस लगाये रे

कोई जाके उसे समझाये रे ओ, मेरी मौत से पहले आये रे