ये मुँह और दाल मसूर की - The Indic Lyrics Database

ये मुँह और दाल मसूर की

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - बारिश | वर्ष - 1957

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ये मुँह और दाल मसूर की
ज़रा देखो तो
ज़रा देखो तो सूरत हुज़ूर की
ज़रा देखो तो सूरत हुज़ूर की, हुज़ूर की, हुज़ूर की
ये मुँह और दाल मसूर की
फीकी फीकी सूरत मिज़ाज तीखा तिखा
खा कर कहाँ से आये आज तीखा तीखा
फीकी फीकी सूरत
ओ फीकी फीकी
फीकी फीकी सूरत मिज़ाज तीखा तिखा
खा कर कहाँ से आये आज तीखा तीखा
मिज़ाज तीखा तिखा
जल जाये न ज़बान हुज़ूर की
जल जाये न ज़बान हुज़ूर की, हुज़ूर की, हुज़ूर की
ये मुँह और दाल मसूर की
बन्दर शहर का आया है गाँव में
बन्दर शहर का ये आया है गाँव में
मज़े से हिलाय दुन पीपल की छाँव में
बन्दर शहर का आया है गाँव में
मज़े से हिलाय दुन पीपल की छाँव में
पीपल की छाँव में
सूझी अंधे को
सूझी अंधे को कितनी है दूर की
सूझी अंधे को कितनी है दूर की, है दूर की, है दूर की
ये मुँह और दाल मसूर की $