साजना दिन बहुरे हमारे - The Indic Lyrics Database

साजना दिन बहुरे हमारे

गीतकार - आरज़ू लखनवी | गायक - गीता दत्त | संगीत - सज्जाद | फ़िल्म - खेल | वर्ष - 1950

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साजना दिन बहुरे हमारे -२
प्यासे आ पहुँचे नदिया किनारे
साजना दिन बहुरे हमारेकामनाओं में बेचैनी आई -२
मन की कोमल कली मुसकाई
हम कहाँ तुम कहाँ -२
और ये प्यारा समाँ हँसे
ख़ाबों के चमके सितारे
साजना दिन बहुरे हमारे( खेल चाहत का खेल
ये है मन की कुलेल
बड़े इतना तो मेल ) -२
मन्झे चढ़ जाये बेल -२
तुम हमारे बनों हम तुम्हारे
साजना दिन बहुरे हमारेफिर कहाँ ऐसी रातें सुहानी -२
फिर कहाँ ये मचलती जवानी
मन की मौजों में ज़ोर -२
प्रेम-नदिया का शोर
आज मिल जायें दो बहते धारे
साजना दिन बहुरे हमारे -२
साजना