झूमती चली हवा, याद आ गया कोई - The Indic Lyrics Database

झूमती चली हवा, याद आ गया कोई

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - मुकेश | संगीत - एस. एन. त्रिपाठी | फ़िल्म - संगीत सम्राट तानसेन | वर्ष - 1962

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झूमती चली हवा, याद आ गया कोई
बुझती बुझती याद को फिर जला गया कोई
खो गयी हैं मंज़िलें, मिट गये हैं रास्ते
गर्दिशें ही गर्दिशें, अब हैं मेरे वास्ते
और ऐसे में मुझे फिर बुला गया कोई
एक हूक सी उठी मैं सिहर के रह गया
दिल को अपने थाम के आह भर के रह गया
चांदनी की ओट से मुस्कुरा गया कोई
चुप हैं चाँद चाँदनी, चुप ये आसमान है
मीठी-मीठी नींद में सो रहा जहान है
आज आधी रात को क्यों जगा गया कोई