कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो - The Indic Lyrics Database

कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - कुमार शानू, लता मंगेश्कर | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - 1942 ए लव स्टोरी | वर्ष - 1993

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कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो
क्या कहना है, क्या सुनना है
मुझको पता है, तुमको पता है
समय का ये पल, थम सा गया है
और इस पल में कोई नहीं है
बस एक मैं हूँ बस एक तुम होशानू:
कितने गहरे हल्के, शाम के रंग हैं छलके
पर्वत से यूँ उतरे बादल जैसे आँचल ढलके
सुलगी सुलगी साँसें बहकी बहकी धड़कन
महके महके शाम के साये, पिघले पिघले तन मनलता:
खोए सब पहचाने खोए सारे अपने
समय की छलनी से गिर गिरके, खोए सारे सपने
हमने जब देखे थे, सुन्दर कोमल सपने
फूल सितारे पर्वत बादल सब लगते थे अपने