रुक जाओ ना जी - The Indic Lyrics Database

रुक जाओ ना जी

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - आशा भोंसले | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - चलती का नाम गाड़ी | वर्ष - 1958

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अरे! अरे! अरे! अरे!
रुक जाओ न जी ऐसी क्या जळी?
चुभ जायेगी पहलू में बिरहा की सूई! हुई !शाम ढली नहीं और चले तुम उठके सनम
यूँ न चलो इठलाके अजी तुम्हें मेरी क़सम
देखो बलम यूँ न ढाओ सितम
नाज़ुक हूँ मैं तो जैसी चुई मुई
रुक जाओ न जी ! ऐसी क्या जळी ?
चुभ जायेगी पहलू में बिरहा की सुईहाय! कहने की है बात पड़ी मुझे कहने तो दो
प्यार भरे मेरे दिल में है क्या मुझे कहने तो दो
ठहरो पिया होश आ ले ज़रा
जब से तुम आये मैं हूँ खोई खोई
अरे अरे अरे !
रुक जाओ न जी! ऐसी क्या जल्दी?
चुभ जायेगी पहलू में बिरहा की सुईचाहत का बदला है ये क्या ज़रा सोचो सनम
मरते हैं हम नहीं तुमको पता ज़रा सोचो सनम
ठहरो ज़रा दिल न तोड़ो मेरा
ठुकराने वाले क्या सोचेगा कोई
हे! रुक जाओ न जी ! ऐसी क्या जळी ?
चुभ जायेगी पहलू में बिरहा की सुई