तुम से इज़हार-ए-हाल कर बैठे - The Indic Lyrics Database

तुम से इज़हार-ए-हाल कर बैठे

गीतकार - शकिल बदायुनी | गायक - मोहम्मद रफी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - परिंदा | वर्ष - 1989

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आज फ़ुर्क़त का ख़्वाब टूट गया
मिल गए तुम हिजाब टूट गया
तुम से इज़हार-ए-हाल कर बैठे
बेख़ुदी में कमाल कर बैठे
खो गए हुस्न की बहारों में
कह दिया राज़-ए-दिल इशारों में
काम हम बेमिसाल कर बैठे
कितने मजबूर हो गए दिल से
सोचे समझे बगैर क़ातिल से
ज़िन्दगी का सवाल कर बैठे
ये अदाएँ ये शोखियाँ तौबा
बस ख़ुदा ही ख़ुदा है उस दिल का
जो तुम्हारा ख़याल कर बैठे