आधे इधर हैं आधे उधर - The Indic Lyrics Database

आधे इधर हैं आधे उधर

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - मुकेश | संगीत - रोशन | फ़िल्म - घर घर में दिवाली | वर्ष - 1955

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आधे इधर हैं आधे उधर
यह हज़रत-ए-दिल हैं न जाने किधर
उनको ख़बर है न हमको ख़बर
यह हज़रत-ए-दिल ...

ज़ुल्फ़ों की गलियों में खोए कभी
पलकों की छाँव में सोए कभी
ढूँढें तो ढूँढें दिल को कहाँ
कि ऐसी लगी है किसी की नज़र
यह हज़रत-ए-दिल ...

उनकी नज़र का इशारा मिला
कुछ अपने जुनूँ का सहारा मिला
कहते हुए यह मियाँ मजनूँ चले
कि जब से मिली है नज़र से नज़र
यह हज़रत-ए-दिल ...$