हाल-ए-दिल उनको सुनाना था - The Indic Lyrics Database

हाल-ए-दिल उनको सुनाना था

गीतकार - किदार शर्मा | गायक - सुमन कल्याणपुर | संगीत - स्नेहल भटकर | फ़िल्म - फरियाद | वर्ष - 1964

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हाल-ए-दिल उनको सुनाना था
सुनाया ना गया, सुनाया ना गया
जो जुबाँ पर मुझे लाना था
वो लाया ना गया, वो लाया ना गया
प्यार से सीने पे सर रखके तो दिल कदमों पे
आपको अपना बनाना था
बनाया ना गया, बनाया ना गया
खेलती आँख-मिचौली रही नज़रें अपनी
जिनको पलकों में छुपाना था
छुपाया ना गया, छुपाया ना गया
एक ही वार में हाथों से जिगर थाम लिया
हाय जिस दिल को बचाना था
बचाया ना गया, बचाया ना गया