हाल क्या है दिलों का ना पूछो सनम - The Indic Lyrics Database

हाल क्या है दिलों का ना पूछो सनम

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - अनोखी अदा | वर्ष - 1973

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हाल क्या है दिलों का ना पूछो सनम
आप का मुस्कुराना गज़ब ढा गया
एक तो महफ़िल तुम्हारी हसीं कम न थी
उसपे मेरा तराना गजब ढा गया
अब तो लहराया मस्ती भरी छाँव में
बाँध दो चाहे घुँघरू मेरे पॉंव में
मैं बहकता नहीं था मगर क्या करूँ
आज मौसम सुहाना गजब ढा गया
हर नज़र उठ रही है तुम्हारी तरफ
और तुम्हारी नज़र है हमारी तरफ
आँख उठाना तुम्हारा तो फिर ठीक था
आँख उठाकर झुकाना गजब ढा गया
मस्त आँखों का जादू जो सामिल हुआ
मेरा गाना भी सुनने के काबिल हुआ
जिसको देखो वही आज बेहोस है
आज तो मैं दीवाना गजब ढा गया