साथिया तु मेरे सपनों का मीत हैं - The Indic Lyrics Database

साथिया तु मेरे सपनों का मीत हैं

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - इंसान | वर्ष - 1982

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साथिया आ
आ तू मेरे सपनों का मीत है
आ तू मेरे होंठों का गीत है
अपनी जनमों की प्रीत है
खाओ क़सम न हो ये प्यार कम
यही वादा करो यही रीत है
साथिया ...( सितारे जानते हैं नज़ारे जानते हैं
सदा के हम साथी ये सारे जानते हैं ) -२
तू बरसों से मेरे साथ है बरसों पुरानी मुलाक़ात है
तू मेरा दिन-रात है
खाओ क़सम न हो ...ये रुत मस्तानी ये फूल ये जवानी
ये सब तुझसे हैं ओ मेरे दिलबर जानी
मैं तेरे बिन कुछ भी नहीं तू मेरे बिन कुछ भी नहीं
बहारों से ये पूछो के यारों से ये पूछो
कहेंगे यही सारे हज़ारों से पूछो
साथिया ...तू मेरा दिल मेरी जान है
तू मेरा अरमान है
तू ही मेरी पहचान है
खाओ क़सम न हो ...
साथिया ...