ये क्या है ढंग ज़माने का - The Indic Lyrics Database

ये क्या है ढंग ज़माने का

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - तलत महमूद | संगीत - धनीराम | फ़िल्म - डाक बाबू | वर्ष - 1954

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ये क्या है ढंग ज़माने का
कैसी ये खुदाई है
हर एक भलाई का बदला
दुनिया में बुराई हैये क्या है ढंग ज़माने काहर बात बने अफ़साना जहाँ
हर नाम पे तोहमत आती हो
उठते ही कोई मासूम नज़र
बस रुसवाई हो जाती हो
ऐ दिल ऐसी महफ़िल से तो
बेहतर तनहाई है
हर एक भलाई का बदला
दुनिया में बुराई हैये क्या है ढंग ज़माने कादिल पार हुआ बेज़ार हुआ
अब जीना यहाँ दुशवार हुआ
दिल पार हुआ बेज़ार हुआ
झूठे तानों को सुनकर मैं
मजबूर हुआ लाचार हुआ
कहीं ले चल ऐ दिल ये नगरी
मुझे रास न आई है
हर एक भलाई का बदला
दुनिया में बुराई हैये क्या है ढंग ज़माने का