उस मस्त नज़र पे पदी जो नज़र - The Indic Lyrics Database

उस मस्त नज़र पे पदी जो नज़र

गीतकार - डी एन मधोकी | गायक - के एल सहगल | संगीत - खेमचंद प्रकाश | फ़िल्म - परवाना | वर्ष - 1947

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उस मस्त नज़र पे पड़ी जो नज़र
कजरे ने कहा मत देखो इधर
मैं ने कहा मैं तो देखूँगा
कजरे न कहा देखो जी मगर
ऐ जी उलझ न जाना
कहीं उलझ न जाना
कहीं उलझ न जाना
देखो जी कहीं उलझ न जानासुन्दर मुखड़ा नैन सुहाने
जोबन के द्वार पे जैसे खड़े हों दो मस्ताने
भरी नज़र से देखा किसी ने
बोले पास नहीं आना
कहीं उलझ न जानाकजरे की जोरी हँसे चोरी चोरी
जादू नज़र का चला के
नज़र के सहारे अदाओं के मारे
ज़ुल्फ़ोन का जाल बिछा के
देख के हाथ बढ़ाना
कहीं उलझ न जाना