तीर खाते जाएंगे - The Indic Lyrics Database

तीर खाते जाएंगे

गीतकार - शकील | गायक - लता | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - दीवाना: | वर्ष - 1952

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ओ तीर चलानेवाले
तीर खाते जाएंगे, आँसू बहाते जाएंगे
ज़िंदगी भर अपनी क़िस्मत आज़माते जाएंगे
तीर खाते जाएंगे, आँसू बहाते जाएंगे
दिल का शीशा तोड़नेवाले किए जा तू सितम
अपनी बर्बादी का शिकवा लब पे लाएंगे न हम
तू जो ग़म देगा कलेजे से लगाते जाएंगे
तीर खाते
बे-असर होते नहीं आँसू किसी नाकाम के
तुझको भी रोना पड़ेगा एक दिन दिल थाम के
दर्द बनके हम तेरे दिल में समाते जाएंगे
तीर खाते$