आखिर खता हि क्या थी तेरी गली में कोई दीवाना - The Indic Lyrics Database

आखिर खता हि क्या थी तेरी गली में कोई दीवाना

गीतकार - पी एल संतोषी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - संगीता | वर्ष - 1950

View in Roman

आख़िर ख़ता ही क्या थी जो हर घड़ी सितम है -२
दुनिया को सारी ख़ुशियाँ एक बदनसीब हम हैंतेरी गली में कोई दीवाना, गाता फिरे ये गाना
दिल न लगाना, दिल न लगाना, दिल ना लगानादिल जो लगाये वो दुनिया से जाये
आहें भरे और आँसू बहाये
पहले तो दिन थे ख़ुशी के सपने ख़ुशी के सपने -२
पीछे पड़े पछतानादिल ना लगाना
तेरी गली में कोई दीवाना, गाता फिरे ये गाना
दिल न लगाना, दिल न लगाना, दिल ना लगानाउल्फ़त के शोले दिल को जलायें
जीने न पायें मरने न पायें
अपनी ख़ुशी से मोहब्बत न करना -२
जीते जी मर जानादिल ना लगाना
तेरी गली में कोई दीवाना, गाता फिरे ये गाना
दिल न लगाना, दिल न लगाना, दिल ना लगाना