राबता - The Indic Lyrics Database

राबता

गीतकार - इरशाद कामिल, अमिताभ भट्टाचार्या | गायक - निकिता गाँधी | संगीत - प्रीतम | फ़िल्म - राबता | वर्ष - 2017

Song link

View in Roman

तन लडे तो तन मुड़ जाए
रूह जुड़े तो जुड़ी रह जाए”

तुझसे किया है दिल ने बयां
किया निगाहों को जुबां
वादा वफ़ा का किया

तुझसे लिया है खुद को मिला
लिया दुआओं का सिला
जीने का सपना लिया..

दिल के मकान में
तू मेहमान रहा, रहा
आँखों की जुबां
करे है बयान कहा कहा

कुछ तो है तुझसे राबता
कुछ तो है तुझसे राबता
क्यूँ है ये कैसे है ये तू बता
कुछ तो है तुझसे राबता

हम्म.. मेहेरबानी जाते जाते मुझपे कर गया
गुज़रता सा लम्हा एक दामन भर गया
तेरा नज़ारा मिला रोशन सितारा मिला
तक़दीर का जैसे कोई इशारा मिला

तेरा एहसान लगे है जहाँ में खिला
हाँ खिला..
सपनो में मेरे तेरा ही निशाँ मिला
हाँ मिला..

कुछ तो है तुझसे राबता
कुछ तो है तुझसे राबता
क्यूँ है ये कैसे है ये तू बता
कुछ तो है तुझसे राबता

हद से ज्यादा मोहब्बत होती है जो
कहते हैं के इबादत होती है वो

[कुसूर है या कोई ये फ़ितूर है
क्यूँ लगे सब कुछ अँधेरा है
बस ये ही नूर है] x 2

जो भी है मंज़ूर है..

[कुछ तो है तुझसे राबता
कुछ तो है तुझसे राबता
क्यूँ है ये कैसे है ये तू बता
कुछ तो है तुझसे राबता] x 2

न जाने क्या पता..