चल भाग चलें पुरब की ओर - The Indic Lyrics Database

चल भाग चलें पुरब की ओर

गीतकार - वर्मा मलिक | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - कलयुग और रामायण | वर्ष - 1987

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चल भाग चलें पूरब की ओर
प्यार मेरा ना चोरी कर लें ये पश्चिम के चोर रे -२
( चल भाग चलें ) -२ पूरब की ओर( गर ये तेरा रंग सलोना ) -२ और ये काले नैन न होते
देख के तुझको पश्चिम वाले आज यूँ बेचैन न होते
राम करे तू हो जाए गोरा भाग जाएँ सब चोर रे
चल भाग चलें ...( बैठे चारों ओर शिकारी ) -२ रूप का जाल बिछा के
ओ पूरब के भोले पंछी उड़ जा पंख फैला के
( ओ मेरे ) -२ पूनम के चंदा झूठ ये चकोरे रे
चल भाग चलें ...( अंग दिखा कर जर्मन वाली ) -२ पकड़े तेरी बैंया
पैरिस वाली की ख़ुश्बू से बचना मोरे सैंया
( देख प्यार के ) -२ चोरों को ही पड़ ना जाएँ मोर रे
चल भाग चलें ...