गोर गोर मुखड़े पे काला काला चश्मा: - The Indic Lyrics Database

गोर गोर मुखड़े पे काला काला चश्मा:

गीतकार - समीर | गायक - अलका याज्ञनिक, उदित नारायण | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - सुहाग | वर्ष - 1994

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गोरे गोरे मुखड़े पे काला काला चश्मा
तौबा ख़ुदा खैर करे खूब है करिश्मा
गोरे गोरे मुखड़े पे ...देखो इसको गौर से लड़की है कि हूर है
जादू इसके रूप में ये कितनी मगरूर है
देखूँ जब देखूँ इसे दिल धड़के
तड़पे जवानी हाय आँख फड़के
तौबा ख़ुदा खैर करे ...आदत अपनी छोड़ दे कहना मेरा मान ले
यानी मैं क्या चीज़ हूँ तू मुझको पहचान ले
जा रे जा अनाड़ी ऐसी बातें ना बना
जानूँ मैं हूँ जानूँ तेरी मर्ज़ी है क्या
तूने मेरी जान मेरा देखा ना करिश्मा
गोरे गोरे मुखड़े पे ...