तुमसे कोई प्यारा कोई मासूम नहीं है - The Indic Lyrics Database

तुमसे कोई प्यारा कोई मासूम नहीं है

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - अलका याज्ञिक - कुमार सानू | संगीत - अनू मलिक | फ़िल्म - जानवर | वर्ष - 1965

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तुमसे कोई प्यारा कोई मासूम नहीं है
क्या चीज़ हो तुम खुद तुम्हें मालूम नहीं है
लाखों हैं मगर तुमसा यहाँ कौन हसीं है
तुम जान हो मेरी तुम्हें मालूम नहीं है
सौ फूल खिले जब ये खिला रूप सुनहरा
सौ चाँद बने जब ये बना चाँद सा चेहरा
इतना भी कोई प्यार की राहों में ना गुम हो
बस होश है इतना कि मेरे साथ में तुम हो
धड़कन है कहीं, दिल है कहीं, जान कहीं है
तुम जान हो मेरी तुम्हें मालूम नहीं है
ये चाँदनी इन आँखों का साया तो नहीं है
क्या चीज़ हो तुम खुद तुम्हें मालूम नहीं है
ये होंठ ये पलकें ये निगाहें ये अदाएँ
मिल जाये ख़ुदा मुझको तो मैं ले लूँ बलाएँ
दुनिया का कोई ग़म भी मेरे पास ना होगा
तुम साथ चलोगे तो ये एहसास ना होगा
आकाश है पैरों में हमारे कि ज़मीन है
तुम जान हो मेरी तुम्हें मालूम नहीं है
ऐसा कोई मेहबूब ज़माने में नहीं है
क्या चीज़ हो तुम खुद तुम्हें मालूम नहीं है