आसमां के पार शायद और कोई आसमान होगा - The Indic Lyrics Database

आसमां के पार शायद और कोई आसमान होगा

गीतकार - गुलजार | गायक - सहगान, शंकर महादेवन | संगीत - शंकर एहसान लॉय | फ़िल्म - रॉकफोर्ड | वर्ष - 1999

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शंकर:
(आसमाँ के पार शायद और कोई आसमाँ होगा) -२
बादलों के पर्बतों पर कोई बारिश का मकाँ होगा
मैं हवा के परों पे कहाँ जा रहा हूँ कहाँकभी उड़ता हुआ
कभी मुड़ता हुआ
मेरा रास्ता चला
ओ हो हो होमैं हवा के परों पे कहाँ जा रहा हूँ कहाँमेरे पाँव के तले की ये ज़मीन चल रही है
कहीं धूप ठँडी ठँडी
कहीं चाँव जल रही है
इस ज़मीं का और कोई आसमाँ होगा
होगा आसमाँ
हो आसमाँ होगामैं हवा के परों पे कहाँ जा रहा हूँ कहाँ(इन लम्बे रास्तों पर सब तेज़ चलते होंगे) -२
काॅपी के पन्नों जैसे यहाँ दिन पलटते होंगे
शाम को भी सुबह जैसा क्या समाँ होगा
होगा क्या समाँ
क्या समाँ होगामैं हवा के परों पे कहाँ जा रहा हूँ कहाँआसमाँ के पार शायद और कोई आसमाँ होगा
कोरस:
और कोई आसमाँ होगाशंकर:
बादलों के पर्बतों पर कोई बारिश का मकाँ होगा
कोरस:
होगाशंकर:
हो मैं हवा के परों पे कहाँ जा रहा हूँ कहाँकभी उड़ता हुआ
कभी मुड़ता हुआ
मेरा रास्ता चला
ओ हो हो हो(मैं हवा के परों पे कहाँ जा रहा हूँ कहाँ) -३