तुमने मुझे देखा, हो कर मेहरबां - The Indic Lyrics Database

तुमने मुझे देखा, हो कर मेहरबां

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफी | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - राजकुमार | वर्ष - 1964

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तुमने मुझे देखा हो कर मेहरबां
रुक गई ये ज़मीं, थम गया आसमां
जान-ए-मन, जान-ए-जाँ
कही दर्द की सहरा में रुकते चलते होते
इन होठों की हसरत में तपते जलते होते
मेहरबान हो गई जुल्फ की बदलियाँ
जान-ए-मन, जान-ए-जाँ
लेकर ये हसीं जलवे, तुम भी न कहाँ पहुँचे
आख़िर को मेरे दिल तक कदमों के निशां पहुँचे
ख़त्म से हो गये रास्ते सब यहाँ
जान-ए-मन, जान-ए-जाँ