सिलसिला तो गया वो सभी जाते जाते - The Indic Lyrics Database

सिलसिला तो गया वो सभी जाते जाते

गीतकार - अहमद फ़राज़ी | गायक - गुलाम अली | संगीत - गुलाम अली, रफीक हुसैन | फ़िल्म - लम्हा लम्हा (गैर-फिल्म) | वर्ष - 1993

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सिलसिले तोड़ गया वो सभी जाते जाते
वरना इतने तो मरासिम थे के आते जातेइतना आसाँ था तेरे हिज्र में मरना जानाँ
फिर भी इक उम्र लगी जान से जाते जातेशिकवा-ए-ज़ुल्मत-ए-शब से तो कहीं बेहतर था
अपने हिस्से की कोई शम्मा जलाते जातेउसकी वो जाने उसे पास-ए-वफ़ा था के न था
तुम 'फ़राज़' अपनी तरफ़ से तो निभाते जाते