तुझे अपने पास बुलाती है तेरी दुनिया: - The Indic Lyrics Database

तुझे अपने पास बुलाती है तेरी दुनिया:

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - तलत महमूद | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - पतिता | वर्ष - 1953

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तुझे अपने पास बुलाती है तेरी दुनिया
कब से बाँहें फैलाती है तेरी दुनिया
तुझे अपने पास बुलाती है तेरी दुनियासपने भी यहाँ बेनूर हैं
जो हैं तेरे वो तुझसे दूर हैं
इस दुनिया में तेरा कौन है -२
ये सोच के घबरा जाती है तेरी दुनिया
तुझे अपने पास बुलाती है तेरी दुनियानज़रों से गिरा देंगे कभी
दो दिन में भुला देंगे कभी
बरसेंगे न बादल धूल के -२
रो-रो के यही समझाती है तेरी दुनिया
तुझे अपने पास बुलाती है तेरी दुनियावहाँ छोटे-बड़े सब एक से
वहाँ कोई नहीं जो तुझ पे हँसे
वहाँ रिश्ते न होंगे झूठ के -२
सबको सीने से लगाती है तेरी दुनिया
तुझे अपने पास बुलाती है तेरी दुनिया
कब से बाँहें फैलाती है तेरी दुनिया
तुझे अपने पास बुलाती है तेरी दुनिया