जहान बिन हवा के पर्दा हिले - The Indic Lyrics Database

जहान बिन हवा के पर्दा हिले

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - आशा भोंसले | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - झूठा सच | वर्ष - 1984

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जहाँ बिन हवा के पर्दा हिले
आजा मैं वहीं हूँ लग जा गले
आ जा मचलता है दिल
हाय कैसा जलता है दिलरात जाने से पहले ऐ सनम आईये
इन लबों के निशाँ छोड़ते जाईये
हम से नहीं अब सँभलता है दिल
हाय कैसा जलता है दिल..ऐसे खो जायें मिलके आज ऐ जानेमन
होश में ना रहें दो सुलगते बदन
शम्में बुझा दो मचलता है दिल
हाय कैसा जलता है दिल..