तुमको पाया है तो जैसे खोया हूँ - The Indic Lyrics Database

तुमको पाया है तो जैसे खोया हूँ

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - सोनू निगम - श्रेया घोषाल | संगीत - विशाल - शेखर | फ़िल्म - शिकारी | वर्ष - 1963

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तुमको पाया है तो जैसे खोया हूँ
कहना चाहूँ भी तो तुमसे क्या कहूँ
किसी जबां में भी वो लफ्ज़ ही नहीं
के जिन में तुम हो क्या तुम्हें बता सकूँ
मैं अगर कहूँ तुम सा हसीं क़ायनात में नहीं है कहीं
तारीफ़ ये भी तो सच है कुछ भी नहीं
शोखियों में डूबी ये अदाएं, चेहरे से झलकी हुई हैं
ज़ुल्फ़ की घनी घनी घटाएं, शाने से ढलकी हुई हैं
लहराता आँचल है जैसे बादल
बाहों में भरी है जैसे चाँदनी, रूप की चाँदनी
में अगर कहूँ ये दिलकशी है नहीं कहीं, ना होगी कभी
तारीफ़ ये भी तो सच है कुछ भी नहीं
तुम हुए मेहरबान, तो है ये दास्ताँ
अब तुम्हारा मेरा एक है कारवाँ, तुम जहाँ में वहाँ
मैं अगर कहूँ हमसफ़र मेरी
अप्सरा हो तुम, या कोई परी
तारीफ़ यह भी तो, सच है कुछ भी नहीं