गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - कंचन - शैलेंद्र | संगीत - कल्याणजी आनंदजी | फ़िल्म - ओम शांति ओम | वर्ष - 2007
View in Romanतुमको मेरे दिल ने पुकारा है बड़े नाज़ से
अपनी आवाज़ मिला दो, मेरी आवाज़ से
मुझको पहली नज़र मे लगा है यूँ
साथ सदियों पुराना है अपना
और सदियों ही रहना पड़ेगा
तुमको बनके इन आँखो का सपना
युग युग की कस्मे निभाके सनम
इस जग की रस्में निभाके सनम
अपनी आवाज़ मिला दो, मेरी आवाज़ से
प्यार की इन हसीं वादियों में
झूम के यूँ ही मिलते रहेंगे
ज़िन्दगी के सुहाने सफ़र में
हमसफर बनके चलते रहेंगे
इस दिल के अरमां जगाके सनम
मुझको बाहों की राहों में ला के सनम
अपनी आवाज़ मिला दो, मेरी आवाज़ से