एक अंधेरा लाख सितारे, एक निराशा लाख सहारे - The Indic Lyrics Database

एक अंधेरा लाख सितारे, एक निराशा लाख सहारे

गीतकार - इन्दीवर | गायक - मोहोम्मद अज़ीज | संगीत - राजेश रोशन | फ़िल्म - आखिर क्यों | वर्ष - 1985

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एक अन्धेरा लाख सितारे, एक निराशा लाख सहारे
सबसे बड़ी सौगात है जीवन, नादाँ है जो जीवन से हारे
दुनिया की ये बगिया ऐसी जितने काँटे, फूल भी उतने
दामन में खुद आ जायेंगे, जिनकी तरफ तू हाथ पसारे
बीते हुए कल की खातिर तू आनेवाला कल मत खोना
जाने कौन कहा से आकर, राहें तेरी फिर से सवारे
दुःख से अगर पहचान न हो तो कैसा सुख और कैसी खुशियाँ
तुफानो से लड़कर ही तो लगते हैं साहिल इतने प्यारे