तुम्हीं से रोशन है रात मेरी - The Indic Lyrics Database

तुम्हीं से रोशन है रात मेरी

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - आशा भोसले - तलत अज़ीज़ | संगीत - खय्याम | फ़िल्म - आप आये बहार आई | वर्ष - 1971

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तुम्हीं से रोशन है रात मेरी
तुम्हीं से हर दिन हुआ सुनहरा
उठे जहाँ भी नज़र तुम्हारी
हो ज़िन्दगी का वहीं सवेरा
सजे थे कबसे तुम्हारे सपने
मेरी निग़ाहों के दर्पणों में
सुलगती रहती थी धीमी धीमी
ये आग मदमाते सावनों में
सुकून है जबसे गेसुओं की
हसीन छाँव में है बसेरा
ये कैसे जादू जगा दिए हैं
मेरे ख़यालों के आँगनों में
सुनूं सदाएँ तुम्हारी दिल की
मैं अपनी सीने की धड़कनों में
जिधर भी जाऊँ है साथ जैसे
तुम्हारी बाहों का नर्म घेरा
नया नहीं है ये दिल का मौसम
नई नहीं चाहते हमारी
मिले नहीं थे मगर हमेशा
निहाग में थी छबी तुम्हारी
थी मेरे दिल में तुम्हारी घड़कन
तुम्हारे होठों पे नाम मेरा