गम की वादी में इश्क में जो कुछ ना होना था - The Indic Lyrics Database

गम की वादी में इश्क में जो कुछ ना होना था

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - साकी | वर्ष - 1952

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ग़म की वादी में ख़ुशी का करवां खोने लगाइश्क़ में जो कुछ न होना था, वही होने लगा
ग़म की वादी में ख़ुशी का करवां खोने लगाकौन समझेगा मुहब्बत की भला मजबूरियाँ
दो दिलों की चाहतें दुनिया की ना-मंज़ूरियाँ
मुस्कुराने ही से पहले प्यार क्यों रोने लगा
इश्क़ में जो कुछ न होना था, वही होने लगासामने आँखों के मेरे इश्क़ का अंजाम है
है अगर ये ज़िंदगी तो मौत किस का नाम है
रन्ज-ओ-ग़म जागे, नसीबा प्यार का सोने लगा
इश्क़ में जो कुछ न होना था, वही होने लगा