तुमहिन ने दिल को दिल समाज नहीं हैं - The Indic Lyrics Database

तुमहिन ने दिल को दिल समाज नहीं हैं

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - मुकेश | संगीत - जयदेव | फ़िल्म - चंद ग्रहण | वर्ष - 1997

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तुम्हीं ने दिल को दिल समझा नहीं है -२
कोई अरमान न हो ऐसा नहीं हैधुआँ देखा किसी ने और न शोला -२
कभी ऐसे कोई जलता नहीं हैहसीन आँचल में हैं कितने सितारे
हैं कितने सितारे
कोई मेरा है इन में या नहीं हैमेरे सीने में अपना दर्द भर दो
तुम अपना दर्द भर दो
अकेले बोझ ये उठता नहीं हैमेरी बाहों से आगे जा रही हो
तुम आगे जा रही हो
मगर आगे कोई दुनिया नहीं है