मखमलि ये बदन की नज़ाकत हसीन - The Indic Lyrics Database

मखमलि ये बदन की नज़ाकत हसीन

गीतकार - अखिलेश शर्मा | गायक - सोनू निगम, संजीवनी | संगीत - संदेश शांडिल्य | फ़िल्म - रोड | वर्ष - 2002

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मखमली ये बदन की नज़ाकतें हसीं
चुरा न लें मेरे दिल का चैन ये कहीं
जिस ने भी बनाया है तुझ को वो कमाल है
और उस कमाल पे तू बेमिसाल हैहै अकेली रात गुमसुम और छत के नीचे हम तुम
आँखों में तेरी कैसा खुमार
हो न जाए कुछ खता देखो यार
बेकरार ना दिखा दीवानगी
मखमली ये बदन ...मस्त मस्त हो रहा है ये रात का सफ़र
दिल में हलचलें उठाए तेरी नज़र
गुलाबी गुलाबी तेरे अरमां जो हैं दीवाने
तुझे चोड़ देंगे यूँ ही तेरे हाल पर
बोलो ना ऐसा ऐ जान-ए-जां
इक बार मुझ को तो आज़मा
ओ बातें तेरी बातें बेकार
चाहें तू कर ले कोशिश हज़ार
आएँगे बातों में ना ये कर ले यकीं
हाय मखमली ये बदन ...तन्हाईयों में तन्हा मिले हैं जो इस तरह
सोचो न ऐसा वैसा क्या फ़ायदा
तेरी हर अदा की शोखियाँ भी क्या कहें
हम तो क्या फ़रिश्ते भी ना होश में रहें
ना रे ना होश तू ना गवां
कर ले सब्र कुछ तो ज़राहाँ मिलता नहीं है दिल को करार
कब तक करूँ मैं हाय इन्तेज़ार
होने दे दिल से दिल की मिलावटें यहीं
हरकतें ये दिखाओ जा के और कहीं
हूँ जिस ने भी बनाया है ...