वो जो हम मन तुम मन क़रार था - The Indic Lyrics Database

वो जो हम मन तुम मन क़रार था

गीतकार - मोमिन खान मोमिन | गायक - बेगम अख्तर | संगीत - खैय्याम | फ़िल्म - अपनी सर्वश्रेष्ठ बेगम अख्तर (गैर-फिल्म) में | वर्ष - 1985

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वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो के न याद हो
वही यानी वादा निबाह का, तुम्हें याद हो के न याद होवो नये गिले वोह शिक़ायतें, वो मज़े मज़े की हिक़ायतें
वो हर एक बात पे रूठन तुम्हें याद हो के न याद होकभी हम में तुम में भी चाह थी, कभी हमसे तुमसे भी राह थी
कभी हम भी तुम भी थे आशना, तुम्हें याद हो के न याद होवो जो लुत्फ़ मुझ से थे पेशतर, वो क़रम कि था मेरे हाल पर
मुझे सब है याद ज़र्रा-ज़र्रा, तुम्हें याद हो के न याद होकोई बात ऐसी अगर हुई, जो तुम्हारी जी को बुरी लगी
तो बयाँ से पहले ही बोलना, तुम्हें याद हो के न याद होजिसे आप गिनते थे आशना, जिसे आप कहते थे बावफ़ा
मैं वही हूँ 'मोमिन'-ए-मुब्तिला, तुम्हें याद हो के न याद हो