बोल मेरे मालिक तेरा क्या यही है इंसाफ़ - The Indic Lyrics Database

बोल मेरे मालिक तेरा क्या यही है इंसाफ़

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - हलाकु | वर्ष - 1956

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बोल मेरे मालिक तेरा क्या यही है इंसाफ़
जो करते हैं लाख सितम उनको तू करता माफ़तेरे भरे जहाँ में मेरा प्यार लुट गया
दामन मेरे हबीब का हाथों से छुट गया
हम तो रोएँ ख़ून के आँसू ऐश करे सैयाद
बोल मेरे मालिक ...होता रहा ये ज़ुल्म तो हम मिट ही जाएँगे
अपनी ज़ुबाँ पे नाम भी तेरा ना लाएँगे
अर्श पे रहने वाले तुझको कौन करेगा याद
बोल मेरे मालिक ...को : बोल मेरे मालिक ...