लांबा लांबा घुंघट गलती म्हारे से हो गई - The Indic Lyrics Database

लांबा लांबा घुंघट गलती म्हारे से हो गई

गीतकार - इन्दीवर | गायक - अलका याज्ञनिक, इला अरुण | संगीत - राजेश रोशन | फ़िल्म - करण अर्जुन | वर्ष - 1994

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गुपचुप गुपचुप गुपचुप
ला.म्बा ला.म्बा घूंघट काहे को डाला
क्या कहीं कर आई तू मुँह काला रे
कानों में बतियां करती हैं सखियां
रात किया रे तूने कैसा घोटालाछत पे सोया था बहनोई मैं तन्ने समझ कर सो गई
मुझको राणा जी माफ़ करना गलती म्हारे से हो गईवो बहनोई था बहनोई ठहरा
क्यों न पहचाना तूने पिया जी का चेहरा
बहनोई ने ओढ़ रखी थी चादर
मैं समझी पिया का है बिस्तर
आधे बिस्तर पे वो सोया था आधे पे मैं सो गई
मुझको राणा जी माफ़ ...दीपक अटारी पे जलता तो होगा
छिटकी तो होगी छत पे चंदनिया
अपनो परायो नज़र न आयो
भूल कैसे हो गई तुझसे दुलरियाभूल हुई मुझसे तो कैसा अचम्भा
बहनोई था पिया जितना लम्बा
चूर थी मैं दिन भर की थकन से
पड़ते ही बिस्तर पे सो गई
मुझको राणा जी माफ़ ...सोच रहे थे हम सब जैसा
तूने किया नहीं कुछ वैसा
मुखड़े पे तेरे सच का उजाला
रात किया नहीं मुँह तूने काला