साथ-साथ तुम चलो - The Indic Lyrics Database

साथ-साथ तुम चलो

गीतकार - गुलजार | गायक - आशा भोसले - भूपेन्द्र | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - सितारा | वर्ष - 1980

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साथ-साथ तुम चलो तो रात रात भर चले
रात काट कर सुबह एक सुबह के घर चले
सुबह से कहेंगे जाके अपना घर सम्भालिए
रात को जो सपने दे गए थे वो निकालिए
आँख को ख़बर न हो सपने बेख़बर चले
रोज़ चढ़के आसमां पे चाँद जब लगायेंगे
लौ बुझाने का भी समय हम उसे बतायेंगे
फूँक से बुझा के चाँद, चाँद के उधर चले
तेज़ है हवा कहीं वक़्त न उड़े आज का
दांत से पकड़ के रखना कोना एक रात का
रात ओढ़ कर चलो, रात के उधर चले