साथ हो तुम और रात जवां - The Indic Lyrics Database

साथ हो तुम और रात जवां

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - आशा - मुकेश | संगीत - Nil | फ़िल्म - कांच की गुडीया - | वर्ष - Nil

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साथ हो तुम और रात जवां
नींद किसे अब चैन कहाँ
कुछ तो समझ ऐ भोले सनम
कहती है क्या नज़रों की ज़ुबान
महकती हवा, छलकती घटा
हमसे ये दिल संभलता नहीं
की मिन्नतें, मनाकर थकी
करे क्या ये अब बहलता नहीं
देख के तुमको बहकने लगा
लो मचलने लगा, हसरतों का जहां
हम इस राह में मिले इस तरह
के अब उम्रभर ना होंगे जुदा
मेरे साज-ए-दिल की आवाज़ तुम
मैं कुछ भी नहीं तुम्हारे बिना
आओ चले हम जहाँ प्यार से
वो गले मिल रहे हैं ज़मीन आसमां