रुम झुम बरसे बादरवा, मस्त हवाएं आई - The Indic Lyrics Database

रुम झुम बरसे बादरवा, मस्त हवाएं आई

गीतकार - डी एन मधोकी | गायक - NA | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - रतन | वर्ष - 1944

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रुत रंगीली है सुहानी रात है

रुत रंगीली है सुहानी रात है

तुम चले आओ, तो फिर क्या बात है

क्या बात है

रुत रंगीली है

ये जवानी की सुनेह्री टोलियां

प्यारी पियारि चाल मीठी बोलियां

प्यार में डूबी हुई हर बात है

क्या बात है

रुत रंगीली है

आसमां है या सितारों की लड़ी

मोतियों से रात की चुनरी जड़ी

चांद्नी की हर तर्फ़ बरसात है

क्या बात है

रुत रंगीली है

तू नहीं तो ज़िंदगी कुछ भी नहीं

ये हवा ये चांद्नी कुछ भी नहीं

लब पे तेरा नाम दिल पर हाथ है

क्या बात है

रुत रंगीली है