सात रंग में खेल रही है - The Indic Lyrics Database

सात रंग में खेल रही है

गीतकार - इंदिवर | गायक - अनुराधा पौडवाल - अमित कुमार | संगीत - राजेश रोशन | फ़िल्म - आखिर क्यों | वर्ष - 1985

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सात रंग में खेल रही है दिलवालों की टोली रे
भीगे दामन चोली रे
अरे अपने ही रंग में रंग ले मुझको
याद रहेगी होली रे
लाल-गुलाबी, नीले-पीले, रंग हैं दुनियावालों के
प्यार के रंग में डूब गए दिल देखो हम मतवालों के
अरे उजला मुखड़ा देख के तेरा रंग उड़े हैं उजालों के
औंदा है इक बार साल विच फागुन दा महीना
नहा के रंग में निखर गयी है आज हर इक हसीना
अरे इस मौसम में जो ना भीगे क्या है उसका जीना