सारे ज़माने पे मौसम सुहाने पे - The Indic Lyrics Database

सारे ज़माने पे मौसम सुहाने पे

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - आप आये बहार आई | वर्ष - 1971

View in Roman

सारे ज़माने पे मौसम सुहाने पे
इस दिल दीवाने पे, वीरानी सी थी छाई
आप आये बहार आई
आपका ही था सबको इंतज़ार
आप के लिए सब थे बेक़रार
हवाएँ, घटाएँ, फिज़ाएँ
बागों में, फूलों ने, झूलों ने
ली झूम के अंगड़ाई
आप आये बहार आई
आपने किया आके एहसान
था ये वीराना, अब है गुलिस्ताँ
पुकारें, नज़ारे ये सारे
गुलशन की गलियों से, कलियों से
सुनिए आवाज़ ये आई
आप आये बहार आई
लीजिए ना बस अब जाने का नाम
रूठ जाएंगे जलवे ये तमाम
ये बस्ती, ये मस्ती, ये हस्ती
ऐसा ना हो जाए बन जाए
ये महफ़िल फिर तनहाई
आप आये बहार आई