रुक न सको तो जावो, तुम जावो - The Indic Lyrics Database

रुक न सको तो जावो, तुम जावो

गीतकार - प्रदीप | गायक - अरुण कुमार | संगीत - सरस्वती देवी | फ़िल्म - बंधन | वर्ष - 1940

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रुत रंगीली आई चाँदनी छाई

रुत रंगीली आई चाँदनी छाई

चाँद मेरे आजा

चाँद मेरे आजा हो}

प्यासी हैं दो अखियाँ

प्यास बुझाजा चाँद मेरे आजा

चाँद मेरे आजा हो

रुत रंगीली आई चाँदनी छाई

चाँद मेरे आजा

चाँद मेरे आजा हो

रुत रंगीली आई

दिल धड़के रे

जब याद तेरी आ जाए

कलेजा भड़के रे

जब कोई सहेली गाए

तुझे ढूँढ रही हैं अखियाँ

झलक दिखाजा चाँद मेरे आजा

चाँद मेरे आजा हो

रुत रंगीली आई चाँदनी छाई

चाँद मेरे आजा

चाँद मेरे आजा हो

रुत रंगीली आई

तू पास नहीं है तो

कुच्ह भी पास नहीं है

पास नहीं है

कहते हैं प्यार किसी को भी

रास नहीं है

ये बात समझ ना आए

ज़रा समझाजा चाँद मेरे आजा

चाँद मेरे आजा हो

रुत रंगीली आई चाँदनी छाई

चाँद मेरे आजा

चाँद मेरे आजा हो

रुत रंगीली आई चाँदनी छाई

चाँद मेरे आजा

चाँद मेरे आजा हो

रुत रंगीली आई