तुम्हें और क्या दूँ मैं दिल के सिवाय - The Indic Lyrics Database

तुम्हें और क्या दूँ मैं दिल के सिवाय

गीतकार - नक्श लायलपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - जयदेव | फ़िल्म - तुम्हारे लिए | वर्ष - 1978

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तुम्हें और क्या दूँ मैं दिल के सिवाय
तुमको हमारी उमर लग जाए
मुरादें हो पूरी, सजे हर तमन्ना
मोहब्बत की दुनिया के तुम चाँद बनना
बहारों की मंज़िल पे हँसना-हँसाना
ख़ुशी में हमारी भी आवाज़ सुनना
कभी ज़िन्दगी में कोई ग़म ना आए
मुझे जो ख़ुशी है तुम्हे क्या बताऊँ
भला दिल की धड़कन को कैसे छिपाऊँ
कहीं हो न जाऊँ ख़ुशी से मैं पागल
तुम्हें देखकर और भी मुस्कुराऊँ
खुदा दिल जलों की नज़र से बचाए
सितारों से ऊँचा हो रुतबा तुम्हारा
बनो तुम हर एक ज़िन्दगी का सहारा
तुम्हे जिससे उल्फ़त हो मिल जाए तुमको
समझ लो हमारी दुआ का इशारा
मुकद्दर तुम्हारा सदा जगमगाए