तुम्हारी जुल्फ के साये में शाम कर लूंगा - The Indic Lyrics Database

तुम्हारी जुल्फ के साये में शाम कर लूंगा

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - आई मिलन की बेल | वर्ष - 1964

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तुम्हारी ज़ुल्फ़ के साये में शाम कर लूँगा
सफ़र इस उम्र का पल में तमाम कर लूँगा
नज़र मिलाई तो पूछूंगा इश्क का अन्जाम
नज़र झुकाई तो खाली सलाम कर लूँगा
जहान-ए-दिल पे हुकूमत तुम्हें मुबारक हो
रही शिकस्त तो वो अपने नाम कर लूँगा